शुक्रवार, सितंबर 20, 2013

ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से

और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।

वर्धा विश्वविद्यालय के  हबीबा तनवीर सभागार मेँ  वर्धा विश्वविद्यालत  द्वारा आयोजित ब्लागिँग एवम सोशल मीडिया गोष्ठी शुरु हुई।

सिद्धार्थ त्रिपाठी ने माइक सम्भाला।  शुरुआती वक्तव्य के बाद विश्वविद्यालय  का कुलगीत गाया गया।

रवि रतलामी और युनुस खान की जुगलबँदी  मेँ ब्लाग,फेसबुक और ट्विटर के बारे मेँ  आडियो-विजुअल प्रस्तुति पेश की गयी।

सिद्धार्थ ने मँच से कहा कि रविरतलामी और युनुसखान को धन्यवाद भेजने की जिम्मेदारी हमारी है सोदे रहे हैँ।
 

 

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पहुंच गये वर्धा ,ब्लॉगिंग सेमिनार के काज,

पहुंच गये वर्धा ,ब्लॉगिंग सेमिनार के काज,
बड़े धुरंधर आये हैं, अब खूब जमेगी आज।

खूब जमेगी आज, औ होगा ढेरों-ढेर विचार,
मौका पाकर दिखलायेंगे,देख लीजिएगा यार।

देख लीजियेगा यार, बताना यदि बहक गये,
न पहुंचा वो अपनी जाने, अपने तो पहुंच गये।

-कट्टा कानपुरी
एक बार फ़िर ब्लॉगिंग के बहाने वर्धा पहुंच गये हम। तीसरा कार्यक्रम है ब्लॉगिंग के बहाने वर्धा विश्वविद्यालय का। इस  बार इसमें सोशल मीडिया भी जुड़ गया है। दो दिन चलेगा । देखिये कैसा जमता है।
अब तक आये ब्लॉगरों में  डॉ अरविन्द मिश्र, सिद्धार्थ त्रिपाठी, श्रीमती रचना त्रिपाठी,  कार्तिकेय मिश्र, हर्षवर्धन त्रिपाठी, अविनाश वाचस्पति, संतो्ष त्रिवेदी, शैलेश भारतवासी, डॉ चोपड़ा, शकुन्तला वर्मा, मनीष मिश्र से मुलाकात हुई। बाकी आते होंगे।
सबसे पहले हुये सम्मेलन के मुकाबले गहमा-गहमी कम है। लोग अभी आये नहीं हैं।  इलाहाबाद और वर्धा का अन्तर है। लगता है  उद्घाटन के बाद समा बंधेगा।
देखिए आगे -आगे होता है क्या?

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